भारत सरकार द्वारा बीस सूत्री कार्यक्रम (बीसूका) 1975 में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम में पहले 1982 में और पुनः 1986 में संशोधन किया गया था। विगत वर्षों में, हमारी उपलब्धियों और अनुभवों के साथ-साथ भारत सरकार द्वारा अनेक नई नीतियॉं और कार्यक्रम शुरू किए जाने से इस कार्यक्रम की पुनःसंरचना की आवश्यकता महसूस की गई। हालॉंकि बीसूका पिछले 30 वर्षों से प्रचलन में है, यह आज भी प्रासंगिक है क्योंकि गरीबी उन्मूलन और आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के वांछित उद्देश्य अभी भी पूरी तरह प्राप्त किए जाने हैं। बीसूका - 1986 को अब 21 वीं सदी की चुनौतियों और विशेषकर आर्थिक सुधारों की अनवरत प्रक्रिया, भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण और वैश्वीकरण को ध्यान में रखते हुए पुनःसंरचित किया गया है। बीसूका-2006 के अंतर्गत कार्यक्रम और योजनाएं राष्ट्रीय न्यूनतम साझा कार्यक्रम (एनसीएमपी) में निहित प्राथमिकताओं के साथ मेल खाती हैं। यह गरीबी उन्मूलन, उत्पादकता बढ़ाने, आय संबंधी असमानताओं को कम करने तथा सामाजिक और आर्थिक विषमताओं को दूर करने के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता को दोहराता है। मूल नामावली, अर्थात् बीस सूत्री कार्यक्रम, जो पिछले तीन दशकों से अस्तित्व में है, और लोगों और प्रशासनिक अभिकरणों के बीच लोकप्रिय है, उसे बनाए रखा गया है।